#अफगानिस्तान ISIS
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फिलिस्तीन के पास "हमास" है
नाइजीरिया के पास "बोको हराम" है
लेबनान के पास "हिजबुल्ला" है
अफगानिस्तान के पास "तालिबान" है
इराक और सीरिया के पास "ISIS" है
पाकिस्तान के पास "लश्करे तोइबा" है
इसी तर्ज पर भारत के पास "कांग्रेस" है ...
हिंदुओ सावधान
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The Kerala Story in Hindi Summary- केरल स्टोरी हिंदी में
(The Kerala Story in Hindi Summary) मैंने जो फिल्म मै देखा वही कहानी मै आपको बताने जा रहा हूँ यह the kerala story है जो हाल ही मै रिलीज हुई है मुझे नहीं पता ये सच है या नहीं ये फैसला हमारी सरकार और कोर्ट करेगी चलो जानते है इसके बारे में.
निर्देशक – सुदीप्तो सेन निर्माता – विपुल अमृतलाल शाह लेखक – सूर्यपाल सिंह सुदीप्तो सेन विपुल अमृतलाल शाह अभिनेता – अदा शर्मा योगिता बिहानी सोनिया बलानी सिद्धि इदनानी
सितारे – अदा शर्मा, योगिता, बिहानी, सोनिया बलानी
जब फिल्म शुरू होती है तो हम देखते हैं कि अफगानिस्तान में फातिमा नाम की लड़की जे�� मे बंद है।रिमांड में उससे पूछताछ की जा रही है। उससे पूछा जाता है कि उसका मकसद क्या isis जॉइन करने के पीछे ? उसने ISIS कब और क्यों join किया.
फातिमा रोने लगती है और अपनी दर्दनाक कहानी सुनाने लगती है फातिमा का असली नाम शालिनी था और वह हिन्दू लड़की थी केरल राज्य की रहने वाली थी
जब आतंकवादी संगठन ISIS सीरिया से लेकर उस दौरान आतंकवादी संगठन ISIS सीरिया से लेकर अफगानिस्तान तक फैल रहा था उनका मानना था की हिंदी लड़की को प्यार के जाल मे फसाओ फिर शादी करो और अफगानिस्तान लेकर जाओ अपने गुट में शामिल करो
एसा हुआ केरल की यूनिवर्सिटी में जब वह नर्सिंग की पढाई करने केरल की यूनिवर्सिटी मे जाती है शालिनी की मुलाकात फिजा नाम की लड़की से होती है जो एक आतंकवादी होती है फिजा शालिनी और उसके 2 और सहेलियों के साथ एक रूम में रहती थी
धीरे धीरे फिजा शालिनी और बाकि लडकियो का ब्रेन वाश करती है घर्म को लेकर की अल्लाह इस दुनिया को चलाता है भगवान नहीं तीनो लडकिया उस पर यकीं करने लगती है क्युकी फिजा बताती है
उसका सारा परिवार वही रहता है और उनसे मिलवाती है खाना खिलाती है और जवान लडको से मिलवाती है फिजा इतनी खातेदारी करती है की उनका दिल खुश हो जाता है उन्हें अपना पण महसूस होने लगता है अपने घर की याद नहीं आती है रोजाना पार्टी करवाती है अपने भाइयो के साथ पैसे भी नहीं लेती है उसकी चाल कामयाब हो रही थी.
इसके बाद वह एक और चाल चलती है। शालिनी अपने दोस्तों के साथ छोटे कपडे पहन कर मॉल में घुमने जाती है वह ISIS द्वारा भेजे गए मुस्लिम लड़कों से उन लडकियों को गलत तरीको से हाथ लगते है और परेशान करते है शालिनी और उनकी सहेलिय भागने लगती हैं।
मुस्लिम लड़के उनके कपड़े भी फाड़ देते हैं। लड़कियाँ किसी तरह जान बचाकर वहाँ अपने हॉस्टल में आती है शालिनी के भाई उन्हें शाहुनुभुती देते है गले लगते है
इसके बाद फिजा उनके कान भर्ती है कि तुम इस्लाम अपनाकर मुसलमान बन जाओ और हिजाब पहनना करो क्युँकि कभी भी हिजाब पहनी हुई मुस्लिम लड़की से रेप नहीं होता है।
इस तरह वह हिजाब पहनना शुरू कर देती है और शालिनी के भाइयो से नजदीकिया बढाने लगती है शालिनी को अराफात से प्यार हो ही जाता है
अराफात के कहने में धर्म बदल लेती है और उससे शादी कर लेती है बहुत मना करने के बाद भी शादी कर लेती है और इस्लाम धर्म अपना लेती है ताकि सुरक्षित महसूस कर सके फातिमा नाम आराफात ने ही रखा था
लेकिन शालिनी अराफात के प्यार में पागल थी। वह उनकी एक ��हीं सुनती और अराफात के साथ दूसरे घर में चली जाती है। घर वालो के बहुत समझाने के बाद भी शालिनी नहीं मानी घरवालो को पता था वह लव जिहाद मे फस चुकी है
जब अराफात शालिनी को अफगानिस्तान ले जाता है। वहा खून खराबा देख कर रोने लगती थी वह उससे सच बताता है कि वह उससे प्यार नहीं करता। यह हम सबकी चाल थी जिसमे तुम फस चुकी हो.
यह सुनकर शालिनी का दिमाग चकरा जाता है अपने घरवालो की याद आने लगती है रोने लगती है अराफात और कोई नहीं ISIS का आतंकवादी था वह उसके साथ रोज रेप करता जबरदस्ती करता था और वह माँ बन गयी थी
और वहा से भागने की बहुत कोशिश करती है ले���िन नाकामयाब हो जाती है और एक दिन वह पकड़ी जाती है और isis के लोगो के द्वारा कई बार उनका रेप करते है एसा कई दिनों तक चलता है और आतंकवादी हमले के लिए ट्रेनिंग दी जाती है जो मन करता है उनके साथ रेप किया जाता है
मजबूर होकर शालिनी भी ISIS की टेररिस्ट बनने के लिए तैयार हो जाती है। ट्रेनिंग के दोरान शालिनी की 2 और दोस्तो से मिलती है उनके साथ भी वही होता है एक वो तीनो भागने का प्लान करती है और भाग भी जाती है
लेकिन उन्हें पता चल जाता है दूर से गोली मरने पर शालिनी की दोनों दोस्त मर जाती है शालिनी भागने में कामयाब हो जाती है और भागते भागते अफगानिस्तान के सैनिको द्वारा पकड़ी जाती है और उसे आतंकवादी समझ के जेल में डाल देते है
शालिनी की जब पूछताछ होती है शालिनी बताती है केरल की 32000 लडकिया वहा फसी हुई है ISIS उनके तरैनिंग दे रहा है फिल्म ख़तम हो जाती है
इस फिल्म के बारे कुछ गलत बता रहे है कुछ लोग राजनैतिक खेल रहे है देखते है आगे क्या होता है मैंने जो देखा वो बता दिया है फैसला लेना सर्कार के हाथ है उससे क्या और कैसे करना है यह फिल्म अभी भी विवादों में घिरी हुई है
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Source link: - https://hindistoryok.com/the-kerala-story-in-hindi-summary/
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US ने मुशर्रफ को दे थी पाषाण युग में पहुंचाने की धमकी
कराची, (वेब वार्ता)। अमेरिका ने 9/11 हमले के बाद पाकिस्तान पर बमबारी करने की धमकी दी थी. US ने कहा था कि अगर राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध में सहयोग नहीं किया, तो वह इतनी बमबारी करेगा कि पाकिस्तान स्टोन एज (पाषाण युग) में पहुंच जाएगा. इस बात का जिक्र खुद राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने अपनी किताब में किया था. राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने अपनी किताब In the Line of Fire: A Memoir में इस घटना का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के चीफ 9/11 के हमले के समय वाशिंगटन में थे, तब अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री रिचर्ड आर्मिटेज ने उन्हें धमकी दी थी. समाचार एजेंसी के मुताबिक, परवेज मुशर्रफ ने 9-11 हमलों के बाद की स्थिति का जिक्र करते हुए लिखा, अब तक के सबसे अराजनयिक बयान में रिचर्ड आर्मिटेज ने ISI चीफ से कहा कि पाकिस्तान को तय करना है कि वे अमेरिका के साथ हैं, या आतंकवादियों के साथ. अगर पाकिस्तान ने आतंकवादियों को चुना, तो फिर हमें पाषाण युग में ले जाने वाले बम हमलों के लिए तैयार रहना चाहिए. मुशर्रफ के मुताबिक, यह आश्चर्यजनक खुली धमकी थी, लेकिन यह स्पष्ट था कि अमेरिका ने करारा पलटवार करने का फैसला किया था. अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में शामिल होने के अपने कदम का बचाव करते हुए मुशर्रफ ने किताब में लिखा, उनका ‘निर्णय अपने लोगों की भलाई के लिए और अपने देश के सर्वोत्तम हित पर आधारित था. उन्होंने लिखा, ‘यदि हम अमेरिका का समर्थन नहीं करते तो हिंसक और क्रोधित प्रतिक्रियाओं का सामना करना होता. ऐसे में सवाल यह था कि अगर हम उनके साथ शामिल नहीं होते, तो क्या हम उनके हमले का सामना कर सकते हैं? जवाब था नहीं, हम नहीं कर सकते थे…’ परवेज मुशर्रफ ने लिखा, अमेरिका का समर्थन करने से हमें कई फायदे मिले. जनरल मुशर्रफ ने अपनी किताब में लिखा, 13 सितंबर, 2001 को पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत वेंडी चेम्बरलेन ने उन्हें सात मांगों का एक पत्र दिया था, जिसमें ऊपर से उड़ान भरने और विमान उतारने के अधिकार शामिल थे. मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी सेना को सीमा चौकियों और ठिकानों को सौंपने जैसी अमेरिका की कुछ मांगों का विरोध किया था. उन्होंने लिखा, ‘हम अपनी सामरिक संपत्ति को खतरे में डाले बिना अमेरिका को अपने क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरने और विमान उतारने के अधिकारों की अनुमति कैसे दे सकते थे? मैंने सिर्फ एक उड़ान कॉरिडोर की पेशकश की थी, जो किसी भी संवेदनशील क्षेत्र से दूर था. पाकिस्तान ने काबुल में तालिबान सरकार को अपना समर्थन छोड़ दिया और अमेरिका को पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भरने की अनुमति दी थी. Read the full article
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आईएसआईएस-खुरासान अफगानिस्तान में तालिबान के लिए खतरा: रिपोर्ट
आईएसआईएस-खुरासान अफगानिस्तान में तालिबान के लिए खतरा: रिपोर्ट
पिछले कुछ सालों में आईएसआईएस-खुरासान ने अफगानिस्तान में अपने हमले तेज कर दिए थे। (प्रतिनिधि) इस्लामाबाद: इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP), आतंकवादी समूह ISIS का क्षेत्रीय सहयोगी, अफगानिस्तान में तालिबान के साथ सत्ता संघर्ष में फंसा हुआ है। अफगान डायस्पोरा नेटवर्क ने बताया कि समूह गति प्राप्त कर रहा है और तालिबान के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, जो अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी मांग रहा है, क्योंकि…
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शहाब अल्महाजिर: ISIS खुरासान शाखा का नया नेता पाक स्थित हक्कानी नेटवर्क का आतंकवादी है; अफगान मंत्री | विश्व समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
शहाब अल्महाजिर: ISIS खुरासान शाखा का नया नेता पाक स्थित हक्कानी नेटवर्क का आतंकवादी है; अफगान मंत्री | विश्व समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
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एक अफगान मंत्री ने कहा है कि तालिबान और हक्कानी समूह के करीबी संबंध हैं (फाइल फोटो)काबुल: शहाब अल्महाजिरके नए नेता आईएसआईएस खुरासान शाखा, पाकिस्तान स्थित हक्कानी नेटवर्क आतंकवादी है, अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री मसूद अंद्राबी ने कहा। हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच संबंधों को उजागर करते हुए, अंद्राबी ने आरोप लगाया कि दो आतंकी समूह पूरे अफगानिस्तान में दैनिक आधार पर आतंकवाद को अंजाम…
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दोहा में होगी अमेरिका-तालिबान की वार्ता, काबुल पर कब्जे के बाद पहली बैठक
दोहा में होगी अमेरिका-तालिबान की वार्ता, काबुल पर कब्जे क�� बाद पहली बैठक
वाशिंगटनअमेरिकी अधिकारी शनिवार और रविवार को तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जिसका उद्देश्य विदेशी नागरिकों और ऐसे अफगान लोगों की अफगानिस्तान से निकासी को आसान बनाना है जिन पर खतरा है। इसके अलावा, अफगानिस्तान में चरमपंथी समूहों को नियंत्रित करने के बारे में भी बात हो सकती है। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अगस्त माह में अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के बाद यह…
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अफगानिस्तान: हक्कानी ने बताया क्यों टल रहा है तालिबान सरकार का गठन? ISI चीफ काबुल पहुंचे
अफगानिस्तान: हक्कानी ने बताया क्यों टल रहा है तालिबान सरकार का गठन? ISI चीफ काबुल पहुंचे
Image Source : TWITTER Zabihullah Mujahid, taliban spokesperso काबुल/पेशावर: तालिबान ने अफगानिस्तान में नयी सरकार के गठन को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। उधर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख जनरल फैज हमीद औचक यात्रा पर शनिवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंच चुके हैं। आखिर तालिबान में नयी सरकार के गठन को लेकर इतनी देर क्यों लग रही है इसको लेकर तालिबान द्वारा गठित एक समिति…
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अमेरिका के 'ब्रह्मास्त्र' इस किलर ड्रोन ने किया काबुल हमले का मास्टर माइंड ढेर, भारत भी खरीदार
अमेरिका के ‘ब्रह्मास्त्र’ इस किलर ड्रोन ने किया काबुल हमले का मास्टर माइंड ढेर, भारत भी खरीदार
काबुल : काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमले के बाद अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट के गढ़ पर हमला बोल दिया। हमले में इस सबसे कट्टरपंथी संगठन के आतंकी को मार गिराया गया। इस हमले को अंजाम दिया गया रीपर ड्रोन से जिसे अमेरिका का ब्रह्मास्त्र कहा जाता है। ऐसा पहली बार नहीं है जब इस्लामिक स्टेट के अड्डे पर ड्रोन से हमला किया गया है। करीब 20 साल से अमेरिका ने इस अचूक हथियार का इस्तेमाल किया है। वक्त के साथ यह…
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काबुल के रास्ते गजवा-ए-हिंद की तैयारी: देखें वीडियो
काबुल के रास्ते गजवा-ए-हिंद की तैयारी: देखें वीडियो
अफगानिस्तान पर तालिबानियों के कब्जे के बाद भारत में बैठे कुछ कट्टरपंथी विचारधारा के लोग भारत में ‘गजवा-ए-हिंद’ के सपने देखने लगे हैं. अफगानिस्तान में जो कट्टरता के नशे में धुत लोगों ने आग लगाई है, वो केवल अफगानिस्तान तक ही सिमित नहीं रहने वाली हैं. बल्कि उस आग की कुछ लपटें भारत में भी देखीं जा सकती हैं. अफगानिस्तान में कट्टर इस्लामिक संगठन तालिबान के राज के बाद भारत में बैठे कुछ लोग जो उसी…
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काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाकों से हिली दुनिया! 13 अमेरिकी कमांडो समेत 100 से ज्यादा की मौत
चैतन्य भारत न्यूज अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले हुए हैं। इसकी पुष्टि पेंटागन के प्रवक्ता ने की। विदेशी मीडिया के मुताबिक, दोनों हमलों में 13 अमेरिकी मरीन कमांडो समेत कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है। 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार काबुल इमरजेंसी अस्पताल में धमाकों में घायल हुए करीब 60 लोग आए हैं। पेंटागन ने कहा है कि हमले में अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं। इन बम धमाकों के के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) का हाथ होने की बात सामने आई है। बता दें कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने पहले ही काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की आशंका जाहिर की थी। साथ ही, अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने की चेतावनी दी थी। वहीं, ब्रिटेन ने इस घटना को लेकर एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। दूसरी ओर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी एलान किया है कि वहां के राजदूत अब अफगानिस्तान छोड़ देंगे। पेंटागन ने जारी किया बयान काबुल में हुए इन आतंकी महलों को लेकर पेंटागन की ओर से बयान जारी किया गया है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि अमेरिकी बलों के सदस्य आज काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में मारे गए हैं। कई अन्य का इलाज चल रहा है। हमे यह जा��कारी भी मिली है कि कई अफगान नागरिक भी इस जघन्य हमले के शिकार हुए हैं। हमारी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं उन लोगों के साथ है जिनकी इस हमले में जान गई है और जो घायल हुए हैं। यह है पूरा मामला अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के ऐबी गेट के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर फायरिंग करते हुए आया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया। एयरपोर्ट के इस गेट पर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक तैनात रहते हैं। वहीं, दूसर�� आत्मघाती हमला एयरपोर्ट के सामने मौजूद बैरन होटल के बाहर हुआ, जो कि ऐबी गेट के ही काफी करीब है। गौरतलब है कि इस हमले से कुछ देर पहले ही आईएस के आतंकियों द्वारा धमाका करने की आशंका जताई गई थी। इसका मकसद पश्चिमी देशों के उन सैनिकों को निशाना बनाना था, जो अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं। ब्लास्ट पर क्या रही राष्ट्राध्यक्षों की प्रतिक्रिया? पेंटागन के अफसरों ने इस पूरी घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को जानकारी दे दी है। बताया गया है कि उन्होंने व्हाइट हाउस में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है। दूसरी तरफ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इस घटना को लेकर आपात बैठक का आह्वान किया है। इसके अलावा आयरलैंड के दौरे पर गए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ब्लास्ट को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद राजदूत डेविड मार्टिनन जल्द ही देश छोड़ देंगे। कुछ और धमाके होने की आशंका अफगानिस्तान में फ्रांस के राजदूत ने काबुल एयरपोर्ट के बाहर एक और धमाका होने की आशंका जताई थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'हमारे सभी अफगान मित्रों से अनुरोध है कि यदि आप हवाई अड्डे के गेट के पास हैं तो तुरंत वहां से निकल जाएं। दूसरा विस्फोट हो सकता है।' इस बीच अमेरिकी मीडिया आउटलेट फॉक्स न्यूज ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि यह आईएस के सिलसिलेवार धमाकों का हिस्सा हो सकता है। Read the full article
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दिल्ली से पकड़े गए संदिग्ध आतंकी पर नया खुलासा
दिल्ली से पकड़े गए संदिग्ध आतंकी पर नया खुलासा
<p>दिल्ली में ISIS का आतंकी गिरफ्तार किया गया है. बटला हाउस इलाके से मोहसिन अहमद नाम के आतंकी को पकड़ा गया है…जामिया के छात्रों की सूचना पर NIA ने संदिग्ध आतंकी मोहसिन अहमद को पकड़ा. आरोपों के मुताबिक अफगानिस्तान और सीरिया में मौजूद अपने कमांडरों को क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसे भेजता था मोहसिन. साथ ही जामिया के छात्रों को ISIS की विचारधारा से प्रभावित करने का भी आरोप है.</p> Source link
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"क्या उसे समय पर वीजा मिल गया होता": काबुल हमले में मारे गए व्यक्ति की पत्नी
“क्या उसे समय पर वीजा मिल गया होता”: काबुल हमले में मारे गए व्यक्ति की पत्नी
इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) ने आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। नई दिल्ली: सविंदर सिंह के लिए, तालिबान द्वारा पिछले साल अफगानिस्तान की राजधानी पर कब्जा करने के बाद काबुल को अब घर नहीं लगा। वह वहां एक छोटी ‘पान’ की दुकान चलाता था, एक गुरुद्वारे में रहता था, लेकिन हमेशा दिल्ली आना चाहता था जहां उसका परिवार रहता है। उसने ई-वीजा के लिए आवेदन किया था। रविवार को इसे मंजूरी दे दी गई। लेकिन…
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ISIS ने ली अफगान मस्जिद ब्लास्ट की जिम्मेदारी, उइगर था 100 से ज्यादा को हताहत करने वाला
ISIS ने ली अफगान मस्जिद ब्लास्ट की जिम्मेदारी, उइगर था 100 से ज्यादा को हताहत करने वाला
काबुलउत्तरी अफगानिस्तान में शिया मुस्लिम नमाजियों से भरी एक मस्जिद में शुक्रवार को हुए विस्फोट में 100 से ज्यादा लोग हताहत हुए हैं। इनमें से कम से कम 46 लोग मारे गये और दर्जनों अन्य घायल हो गये। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस बीच, आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने मस्जिद में हुए बम धमाके की जिम्मेदारी ली और कहा कि उसके आत्मघाती हमलावर ने घटना अंजाम दिया। इस्लामिक स्टेट ने ली जिम्मेदारीआईएस…
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ब्रिटेन ने कहा, अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हमले को ‘तैयार' हैं हम
ब्रिटेन ने कहा, अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हमले को ‘तैयार’ हैं हम
Image Source : AP इस्लामिक स्टेट खुरसान ने काबुल स्थित हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुए दोहरे धमाके की जिम्मेदारी ली थी। काबुल/लंदन: पेंटागन द्वारा अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट-खुरसान (ISIS-K) से जुड़े कम से कम 2,000 लड़ाकों की मौजूदगी का खुलासा करने के बाद ब्रिटेन ने कहा है कि इस आतंकवादी संगठन के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए वह हमले करने के लिए ‘तैयार’ है। गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट के…
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तालिबानियों ने चखा अपना ही 'जहर', हमले में मारे गए 28 आतंकी
चैतन्य भारत न्यूज अफगानिस्तान के काबुल में एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही ��ै। मरने वालों में तालिबान के भी 28 लड़ाके शामिल हैं, एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है। काबुल में हुए सीरियल ब्लास्ट में करीब 100 लोगों की मौत हुई है, इनमें ही तालिबानी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, तालिबान की ओर से दावा किया गया है कि करीब उनके 28 लड़ाके सीरियल ब्लास्ट में मारे गए हैं। ये सभी काबुल एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा में लगे हुए थे, जिस वक्त ये ब्लास्ट हुआ। तालिबान का कहना है कि हमने इस ब्लास्ट में अमेरिका से ज्यादा अपने लोगों को गंवाया है। गौरतलब है कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट और गोलीबारी में करीब 13 अमेरिकी सैनिकों की जान गई है, जबकि बाकी अफगान नागरिकों की मौत हुई है। ये सभी लोग काबुल एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ने की इंतज़ार में थे, जिस वक्त गुरुवार शाम को ये घटना घटी। तालिबान ने हमला करने से किया था इनकार अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना ने वापस जाने की बात कही है, उससे ही चार दिन पहले ये ब्लास्ट हुआ है। तालिबान राज में घटी ये पहली आतंकी घटना है, जिसका पहला शक तालिबान पर ही गया था। लेकिन बीते दिन तालिबान ने इस हमले में हाथ होने से इनकार किया और बाद में ISIS-K ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। हालांकि, सीरियल ब्लास्ट के बाद भी काबुल एयरपोर्ट से रेस्क्यू ऑपरेशन रुका नहीं है। शुक्रवार सुबह से ही काबुल एयरपोर्ट से लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि बाकी बचे हुए दिनों में इस ऑपरेशन में तेज़ी आ सकती है। लेकिन चिंता ये भी जताई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में एयरपोर्ट पर इस तरह के हमले बढ़ सकते हैं। Read the full article
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अफगानिस्तान को दीमक की तरह खा रहे हैं पाकिस्तान की ISI के एजेंट्स: पूर्व इंटेलिजेंस चीफ Edited By Shatakshi Asthana | एएनआई | Updated: 26 Jul 2020, 02:16:00 PM IST सांकेतिक तस्वीर
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